राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी पूरी कर ली है। प्रदेश के 344 नगरीय निकायों में वोटिंग 2 चरणों में होगी। आयोग चुनाव की घोषणा 25 दिसंबर के आसपास कर सकता है। हालांकि विधानसभा के शीतकालीन सत्र को ध्यान में रखते हुए जनवरी के पहले सप्ताह तक इसे टाला जा सकता है। यही नहीं, पहली बार पार्षद प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी गई है। उन्हें अपने चुनाव खर्च का ब्योरा भी जमा कराना होगा।
सूत्रों ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग की मंशा 30 जनवरी तक चुनाव परिणाम घोषित करने की है। इसकी वजह यह है कि निकाय चुनाव के बाद आयोग को पंचायत के चुनाव भी कराने हैं। आयोग पंचायत चुनाव 3 फेज में फरवरी से अप्रैल के बीच में कराने की तैयारी में जुट गया है।
निर्वाचन आयोग ने कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार से 20 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट मांगा है। हालांकि निकाय चुनाव कराने के लिए आयोग के पास पर्याप्त बजट है, लेकिन पंचायत चुनाव कराने के लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी। माना जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में इस राशि का प्रावधान किया जाएगा।
आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते पोलिंग बूथ पर वोटर की अधिकतम संख्या एक हजार तय कर दी गई है। इस वजह से प्रदेश में 2387 पोलिंग बूथ बढ़ गए हैं।
ऑनलाइन नामांकन फाॅर्म जमा करने की फीस 40 हजार रुपए
आयोग के मुताबिक निकाय चुनाव में पहली बार ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन नामांकन फॉर्म जमा करने की सुविधा एमपी ऑनलाइन पर दी जा रही है। फॉर्म जमा करने की फीस 40 हजार रुपए तय की गई है।
पहली बार पार्षदों को भी देना होगा चुनाव खर्च ब्योरा
नगरीय निकायों के पार्षद के चुनाव में धनबल का उपयोग रोकने के लिए अधिकतम व्यय सीमा तय होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च का ब्योरा प्रस्तुत करने के नियम बना दिए हैं। इसके तहत चुनाव की तारीख से 30 दिन के भीतर प्रत्याशी या उसके अधिकृत एजेंट को जिला निर्वाचन अधिकारी के पास व्यय लेखा दाखिल करना होगा। गलत खर्च बताने पर चुनाव निरस्त करने के साथ संबंधित को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है। बता दें कि प्रदेश में अभी तक पार्षदों के लिए चुनाव खर्च की सीमा नहीं थी।
महानगर में 8.75 लाख, नगर पंचायत में 75 हजार रुपए ही खर्च कर पाएंगे
राज्य शासन ने नगरीय निकाय के चुनावों में आबादी के हिसाब से खर्च की अलग-अलग सीमा तय की है। उदाहरण के लिए महानगर के पार्षद के पास 8 लाख 75 हजार रुपए खर्च करने का अधिकार रहेगा। जबकि नगर पंचायत के पार्षद के लिए खर्च का दायरा 75 हजार रु. तक रहेगा।
यह जानकारी आयोग को देना होगी
पार्षद प्रत्याशी को खर्च की गई राशि का स्रोत, सार्वजनिक सभा, रैली, जुलूस, प्रचार सामग्री, केबल नेटवर्क, थोक एसएमएस या इंटरनेट, सोशल मीडिया के जरिए किए प्रचार, वाहन, कार्यकर्ता और एजेंट पर खर्च, चुनाव अभियान में लगाई स्वयं की निधि, पार्टियों से प्राप्त नकदी, चेक, कर्ज, उपहार, दान सहित अन्य माध्यम से मिली राशि का पूरा विवरण देना होगा।
फैक्ट फाइल
1 जनवरी 2020 की वोटर लिस्ट से होंगे चुनाव
वोटर – 1 करोड़ 51 लाख 89 हजार 400
407 में से 344 निकायों में होगा चुनाव
नगर निगम – 16
नगर पालिका – 75
नगर परिषद – 253
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