हरियाणा के गृह मंत्री (स्वास्थ्य मंत्रालय का भी पोर्टफोलियो) अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। शनिवार को सोशल मीडिया पर उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी। यह भी कहा कि जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं, वे भी कोरोना टेस्ट करवा लें। विज नवंबर में कोरोना वैक्सीन के तीसरे ट्रायल में शामिल होने वाले पहले वॉलंटियर थे।
I have been tested Corona positive. I am admitted in Civil Hospital Ambala Cantt. All those who have come in close contact to me are advised to get themselves tested for corona.
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) December 5, 2020
भारत बायोटेक सफाई- दोनों डोज के बाद ही वैक्सीन प्रभावी
मामला गरमाया तो कंपनी की तरफ से सफाई आई। भारत बायोटेक ने बयान जारी किया कि कोवैक्सिन का 2 ट्रायल का शेड्यूल है। दो डोज 28 दिन में दिए जाने हैं। दूसरी डोज 14 दिन बाद दी जानी है, जिसके बाद ही इसकी एफिकेसी पता चलेगी। कोवैक्सिन को इस तरह ही बनाया गया है कि दो डोज लेने के बाद ही यह असर दिखाएगी।
तीसरा ट्रायल 20 नवंबर को शुरू हुआ था
कोरोना से लड़ने के लिए भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन बनाई है, जिसका इस समय देश में ट्रायल चल रहा है। तीसरा ट्रायल 20 नवंबर को शुरू हुआ था। इस फाइनल फेज में विज को पहली डोज दी गई थी। मंत्री विज ने इस ट्रायल के लिए खुद वॉलंटियर बनने की पहल की थी। उन्हें को-वैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जानी थी, लेकिन इससे पहले ही वे कोरोना संक्रमित हो गए।
20 रिसर्च सेंटर पर तीसरा ट्रायल
देश के 20 रिसर्च सेंटर पर कोरोना वैक्सीन का तीसरा ट्रायल किया जा रहा है। करीब 26 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। इन सेंटरों में PGIMS रोहतक भी शामिल है। भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर ये ट्रायल कर रहा है। पहले दो फेज में जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई, उनमें कोई साइड इफेक्ट नहीं नजर आया। किसी भी वॉलंटियर के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट भी नहीं है।
ऐसी दी जा रही डोज
काउंसलिंग: रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सबसे पहले वालंटियर्स की काउंसलिंग होती है, इसमें दो काउंसलर को लगाया गया है। इस दौरान 18 पेज का कंसेंट लेटर भरवाया जाता है।
हेल्थ असेसमेंट: यहां पर काउंसिलिंग के बाद वॉलंटियर्स के स्वास्थ्य का पूरा परीक्षण किया जाता है। साथ ही कोरोना टेस्ट भी करते हैं। यहां पर दो डॉक्टरों और दो नर्स की टीम है।
वैक्सीनेशन: दो प्रोसेस गुजरने के बाद आखिर में टीके का डोज लगाया जाता है। इसके लिए एक डॉक्टर और चार नर्सेस को लगाया गया है।
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