कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 10वां और अहम दिन था। किसानों और सरकार के बीच शनिवार को दोपहर करीब सवा दो बजे से शाम तक पांचवें दौर की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को फिर बात होगी। यह बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी।
किसान नेताओं ने बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव देने को कहा है। हम इस प्रस्ताव पर पहले किसानों के बीच चर्चा करेंगे, फिर सरकार के साथ बातचीत शुरू होगी।
कृषि मंत्री बोले- अच्छे माहौल में चर्चा हुई
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चर्चा अच्छे माहौल में हुई। हमने कहा है कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस की व्यवस्था जारी रहेगी। इस पर किसी भी तरह का खतरा नहीं है। इस पर शंका करना बेबुनियाद है। फिर भी किसी के मन में कोई शंका है तो सरकार समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि APMC एक्ट राज्य का है और राज्य की मंडी को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का इरादा हमारा नहीं है। कानूनी रूप से भी वह प्रभावित नहीं होगी। APMC मजबूत हो, इसके लिए सरकार प्रयास करने को तैयार है। इस पर गलतफहमी है तो सरकार समाधान के लिए तैयार है।
सुझाव मिल जाएं तो बेहतर रहेगा- मंत्री तोमर
मंत्री तोमर ने बताया कि आज सभी विषयों पर बात होती रही। हम चाहते थे कि कुछ विषयों पर स्पष्टता से कुछ सुझाव हमें मिल जाएं, लेकिन बातचीत के दौर में ये संभव नहीं हो सका। अब 9 दिसंबर काे दोबारा बैठक होगी। हमने किसानों से कहा है कि सरकार आपके सभी पहलुओं पर विचार कर रही है और हमारी कोशिश होगी कि समाधान का रास्ता हम खोजें।
लेकिन समाधान का रास्ता खोजने की कोशिश में अगर किसानों से सुझाव मिल जाते तो उचित होगा। हम इंतजार करेंगे। 9 तारीख को सभी की सहमति से तारीख तय की गई है। सर्दी का सीजन है। कोरोना का संकट है, इसलिए बुजुर्गों और बच्चों को किसान नेता घर भेज देंगे तो ठीक रहेगा। हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध थी, है और रहेगी।
बैठक में भड़क गए किसान, कहा- मांगे पूरी की जाए
इससे पहले दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई मीटिंग में 40 किसान पहुंचे थे। सरकार से चर्चा के दौरान किसान भड़क गए। उन्होंने कह दिया कि सरकार मांगे पूरी करे, नहीं तो मीटिंग छोड़कर चले जाएंगे। उधर, कृषि मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप सीनियर सिटीजंस और बच्चों से घरों को लौटने के लिए कहिए।
‘हम एक साल का इंतजाम करके आए हैं’
किसानों ने कहा है कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं। हम पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं। हमारे पास एक साल की व्यवस्था है। अगर सरकार यही चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं। हम हिंसा का रास्ता भी नहीं अपनाएंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरो आपको बता देगी कि हम धरनास्थल पर क्या कर रहे हैं।
साथ ही कहा कि अब और बातचीत नहीं चाहते, सरकार समाधान निकाले। लंच ब्रेक में किसानों ने आज भी सरकारी खाना नहीं, बल्कि अपना लाया हुआ खाना ही खाया। वे पानी तक साथ लाए थे। इससे पहले गुरुवार की मीटिंग में भी किसान खाना साथ लाए थे।
#WATCH Delhi: Farmer leaders, present at the fifth round of talks with Central Government, have food that they had carried to the venue.
A Kar Sewa vehicle that carried food for them arrived here earlier today. They’d got their own food even during 4th round of talks on Dec 3. https://t.co/hDP8cwzSGJ pic.twitter.com/XSR6m2lljS
— ANI (@ANI) December 5, 2020
भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार एक ड्राफ्ट तैयार कर रही है। ड्राफ्ट तैयार करने से पहले वह राज्य सरकारों के साथ भी सलाह करेगी। इसके बाद ड्राफ्ट हमें देंगे। उस पर हम सभी किसान चर्चा करेंगे और फिर सरकार से बात करेंगे। MSP पर भी बातचीत हुई है, लेकिन हमने साफ कहा है कि हमें यह कानून नहीं चाहिए। सरकार ये कानून वापस ले। 8 दिसंबर को भारत बंद का आयोजन होगा।
सरकार ने पिछली मीटिंग का लिखित जवाब सौंपा
सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों से बात कर रहे हैं। किसानों की मांग पर सरकार ने पिछली मीटिंग का पॉइंट वाइज जवाब लिखित में सौंप दिया है।
सरकार MSP की लिखित गारंटी देने को राजी, किसान कानून वापसी पर अड़े
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखने की लिखित गारंटी देने और कृषि बिलों के जिन प्रोविजंस पर किसानों को आपत्ति है, उनमें संशोधन करने को भी तैयार है। लेकिन, किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
मीटिंग से पहले किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों में बदलाव से काम नहीं चलेगा, सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए।
इससे पहले किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपने 4 मंत्रियों से चर्चा की। मोदी के घर करीब 2 घंटे चली मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
किसान बोले- आज सिर्फ कानून रद्द करने की बात होगी
किसानों ने मीटिंग से पहले कहा कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है। ऐसे में सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है। किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, सिर्फ कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।

अपडेट्स
- ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे पर बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद कर रखा है। इसकी बजाय लोगों को DND से दिल्ली में आने की सलाह दी गई है।
- NH-24 पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर भी बंद रखा गया है। किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों की और सरकार की आज की मीटिंग में कोई सकारात्मक हल नहीं निकला तो राजस्थान के किसान NH-8 से होते हुए दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।

8 दिसंबर को भारत बंद का अल्टीमेटम
इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है।शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे। किसान संगठन आज मोदी के पुतले भी जलाएंगे।
170 से ज्यादा किसान बीमार, कोरोना टेस्ट के लिए तैयार नहीं
टिकरी-कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। किसानों को समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले। हरियाणा भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया- किसानों से अपील कर रहे हैं कि तबीयत खराब होते ही चेकअप करवा कर दवाई लें। जिन्हें बुखार है, वे कोरोना टेस्ट भी कराएं। करीब एक हजार किसान दवा ले चुके हैं।
काजू-बादाम के लंगर…मनोरंजन के लिए ट्रैक्टर पर DJ
आंदोलन में शामिल किसानों के लिए होशियारपुर जिला कबड्डी एसोसिएशन के सदस्यों ने बादाम का लंगर लगाया। एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने डेढ़ क्विंटल बादाम, काजू, सोगी और अखरोट आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसानों में बांटे। इधर सिंघु बॉर्डर पर बीती रात किसान ट्रैक्टर पर DJ लगाकर नाचते-गाते नजर आए। उनका कहना है कि मनोरंजन का कोई इंतजाम नहीं होने की वजह से ट्रैक्टर पर म्यूजिक सिस्टम इंस्टॉल करवाया है।
#WATCH | A tractor with DJ system was spotted at Delhi-Haryana border during farmers’ protest in Singhu last night.
“For the past few days, we have been here & there is no source of entertainment for us so we have this tractor installed with a music system,” a farmer said. pic.twitter.com/p2r3Ec9Dwb
— ANI (@ANI) December 5, 2020
कनाडा के PM पर विदेश मंत्रालय की चेतावनी का असर नहीं
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसानों आंदोलन को लेकर एक बार फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने यह बात दूसरी बार कही है। उनके पहले बयान पर विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए गुरुवार को कहा था कि ऐसे बयानों से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ सकते हैं। साथ ही कनाडा के राजदूत को भी तलब किया था।
केंद्र सुधारों पर राजी, किसान कानून वापसी पर अड़े
किसानों और केंद्र के बीच गुरुवार को चौथे दौर की बातचीत 7 घंटे चली। इसके बाद साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमेगा नहीं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शनपाल ने कहा- केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानून में ही खामी है। लिहाजा, इन्हें वापस लिया जाए।
टिकरी बॉर्डर बना मिनी पंजाब, 26 किमी. तक किसानों के ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां
सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनीं, सिर्फ एक पर वादा किया
किसानों की चिंताएं | सरकार का जवाब |
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी? | MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी। |
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी? | प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा। | सरकार का वादा– ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा? | APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे। |
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है। | ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे। |
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे। | किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं। |
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है। | सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है। |
दैनिक भास्कर ने किसानों से सवाल लेकर कृषि मंत्री से पूछे, जवाब क्या आए, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
शुक्रवार को पिटीशनर ने अर्जी लगाकर कहा कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने के निर्देश दिए जाएं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों की वजह से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। पिटीशनर के वकील ओम प्रकाश परिहार ने यह जानकारी दी। हालांकि, इस अर्जी पर सुनवाई का दिन तय नहीं हुआ है।
किसानों के समर्थन में अवॉर्ड वापसी जारी
किसानों के सपोर्ट में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ. मोहनजीत, चिंतक डॉ. जसविंदर और पत्रकार स्वराजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने पद्मभूषण वापस करने का ऐलान किया था। किसानों का कहना है कि 7 दिसंबर को खिलाड़ी भी अपने अवॉर्ड लौटाएंगे।

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