महाराष्ट्र में 8 महीने बाद सभी धार्मिक स्थल 16 नवंबर यानी सोमवार से खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा। कोरोना महामारी के चलते 18 मार्च से सभी मंदिर बंद हैं।
All religious places in the state to re-open for devotees from Monday, 16th November. Wearing the mask will be compulsory, all COVID norms will have to be followed: Government of Maharashtra pic.twitter.com/iT4IwDVz0C
— ANI (@ANI) November 14, 2020
भाजपा ने किया था अनशन
एक महीने पहले मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी में साईं बाबा मंदिर और पुणे में तांबड़ी जोगेश्वरी मंदिर के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अनशन किया था। सिद्धिविनायक मंदिर में घुसने का प्रयास कर रहे एक दर्जन भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था।
फडणवीस की पत्नी का उद्धव पर निशाना- भरोसा न कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर खुद को साबित करना होता है
फडणवीस की पत्नी ने ठाकरे सरकार पर सवाल उठाया था
महाराष्ट्र में एक महीने पहले मंदिरों नहीं खोलने को लेकर राजनीति हुई थी। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था। अमृता ने ट्वीट करके कहा था कि महाराष्ट्र में बार और शराब की दुकानों को खोलने की छूट है, लेकिन मंदिर खतरनाक जोन में हैं। भरोसा न कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर खुद को साबित करना होता है, ऐसे लोग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को लागू करवाने में नाकाम रहते हैं।
राज्यपाल ने उद्धव से पूछा था- दैवीय आदेश मिला या अचानक सेक्युलर हो गए
महाराष्ट्र में मंदिर न खोले जाने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच चिट्ठीबाजी हुई थी। राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में उद्धव को लिखा था कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्त्रां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गए। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए। उद्धव ने भी राज्यपाल की इस चिट्ठी का तुरंत जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें उनसे यानी राज्यपाल से हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें