इंडियन ऑनलाइन रिटेल सेक्टर ने 2020 में तरक्की तो की लेकिन उतनी नहीं जितनी वह पिछले दो साल से हासिल करता आया था। इसकी ग्रोथ अमेरिका और चीन जैसे मैच्योर मार्केट जितनी नहीं रही लेकिन लॉकडाउन उठने के बाद इसने तेजी से रिकवरी जरूर की। और तो और, इंडियन ई-कॉमर्स सेगमेंट ने इस फेस्टिव सीजन में इतनी ज्यादा सेल्स हासिल की, जितनी पहले कभी नहीं की थी।
कितनी रह सकती है इंडियन ई-कॉमर्स सेगमेंट की सेल्स ग्रोथ?
आंकड़ों में जाएं तो इंडियन ई-कॉमर्स सेगमेंट की सेल्स ग्रोथ इस साल सिर्फ 7-8 पर्सेंट रह सकती है, लेकिन इसके मुकाबले चीनी और अमेरिकी ऑनलाइन मार्केट्स को 20 पर्सेंट की सेल्स ग्रोथ हासिल हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह इन देशों की सरकारों की तरफ से इकनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कंज्यूमर्स को खरीदारी के फुल कॉन्टैक्टलेस ऑप्शन मुहैया कराया जाना है। इन बातों की जानकारी फॉरेस्टर रिसर्च से मिली है।
इंडियन ई–कॉमर्स मार्केट की ग्रोथ क्यों रही 10 पर्सेंट से कम?
फॉरेस्टर रिसर्च के सीनियर फोरकास्ट एनालिस्ट सतीश मीणा कहते हैं, ‘भारत दूसरे देशों जितना खुशकिस्मत नहीं रहा। ई-कॉमर्स मार्केट की ग्रोथ 10 पर्सेंट से कम रही, क्योंकि तीन महीने लॉकडाउन के चलते उसमें तेजी का रुझान खत्म हो गया और कंपनियां जरूरी सामान की डिलीवरी करने की स्थिति में नहीं थीं। मीणा का मानना है कि 2020 में इंडियन ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की टोटल सेल्स 33 अरब डॉलर रह सकती है।
खाने-पीने के सामान की भारी खरीदारी के बावजूद ग्रोथ पर क्या पड़ा भारी?
2020 ई-कॉमर्स के लिए अच्छा साल रहा क्योंकि खाने-पीने के सामान की जमकर खरीदारी हुई, ऑनलाइन खरीदारी के आदी हो चुके लोगों ने खर्च बढ़ा दिया और इसको पहली बार शॉपिंग करने वालों का सपोर्ट मिला। इसके बावजूद वह दो साल से हासिल हो रही 25 पर्सेंट से ऊपर की ग्रोथ पा नहीं सका क्योंकि खरीदारी तो उम्मीद से कम रही ही, आर्थिक सुस्ती और अनिश्चितता भी भारी पड़ी।
आर्थिक तरक्की में सुस्ती के बावजूद कैसे जारी रहेगी ई-कॉमर्स की ग्रोथ?
अगर दिग्गजों की बात करें तो एमेजॉन और फ्लिपकार्ट सहित बड़ी ईकॉमर्स कंपनियों की सेल्स ग्रोथ 2021 में स्ट्रॉन्ग रहने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि कोविड-19 का टीका जन-जन तक की पहुंच में आने तक आर्थिक तरक्की की रफ्तार सुस्त रह सकती है लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ई-कॉमर्स की ग्रोथ जारी रहेगी क्योंकि कंज्यूमर खरीदारी में आसानी और बढ़िया डिस्काउंट के चलते लौटकर फिर आएंगे।
ई-कॉमर्स में क्यों जारी रहेगा कंसॉलिडेशन का दौर?
2021 में ऑनलाइन ग्रॉसरी, ई-फार्मेसी और सोशल कॉमर्स में प्लेयर्स की अच्छी-खासी एक्टिविटी देखने को मिल सकती है। जियो मार्ट के जरिए ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में रिलायंस इंडस्ट्रीज की एंट्री से गहमागहमी पहले ही बढ़ी हुई है जबकि ई-फार्मेसी मार्केट में कॉम्पिटिशन को बढ़ावा कंसॉलिडेशन से मिलेगा। EY के पार्टनर अंकुर पाहवा कहते हैं, ‘ई-कॉमर्स में कंसॉलिडेशन जारी रहेगा क्योंकि ऑफलाइन प्लेयर ऑनलाइन स्पेस में आने के मौके देख रहे हैं तो डिजिटल प्लेयर दायरा और साइज बढ़ाने की संभावना तलाश रहे हैं।’
क्यों आएगा तरह-तरह की सर्विस देनेवाले सुपर ऐप का जमाना?
पाहवा का यह भी कहना है कि सिंगल ऐप पर कई तरह की सर्विस देनेवाले सुपर ऐप की ग्रोथ 2021 में बेहिसाब बढ़ेगी। इसके लिए वो इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप की तरह शुरू हुए वीचैट की मिसाल देते हैं जो पेमेंट, ई-कॉमर्स, फूड ऑर्डर, कैब सर्विस और कई दूसरी सर्विसेज तेजी से लॉन्च करते हुए सुपर ऐप में बदल गया। पेमेंट और प्रॉडक्ट कार्ट जैसे ईकॉमर्स फीचर्स वाला वॉट्सऐप भरोसेमंद ऐसे ही सुपर ऐप बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
ई-कॉमर्स में ग्रोथ से और किन क्षेत्रों में बढ़ेगा निवेश?
जानकारों के मुताबिक 2021 में ऑनलाइन ग्रॉसरी और सोशल कॉमर्स जैसे सेगमेंट में इनवेस्टमेंट जारी रह सकता है। मीणा कहते हैं, ‘लाइव स्ट्रीमिंग और सोशल कॉमर्स जैसे एरिया में निवेश होता सकता है। निवेशक इंडिया में एमेजॉन की कॉपी नहीं चाहते, लेकिन कोई प्लेयर सेलिंग का दूसरा मॉडल लाएगा तो उसके बारे में जरूर सोचेंगे।’ ई-कॉमर्स में ग्रोथ से लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन, एग्रीटेक के अलावा कई चैनल के जरिए सेल्स सॉल्यूशंस देने वाली कंपनियों में भी निवेश बढ़ेगा।
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