हर कोई निवेश के लिए किसी ऐसी स्कीम की तलाश में रहता है, जहां पैसा लगाने पर आपको शानदार रिटर्न मिले। अगर आप भी किसी ऐसी ही स्कीम की तलाश में है तो आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या डेट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन दोनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इनमें निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकें।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
- इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
- यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में पैसा नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
- ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1% ब्याज मिल रहा है।
- इन योजना में निवेश के जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है। इनमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। इस स्कीम से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
डेट म्यूचुअल फंड
- ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं। डेट म्यूचुअल फंड के तहत निवेश के रकम का 65% हिस्सा गवर्नमेंट बांड, कंपनी बांड और कॉरपोरेट एफडी में निवेश किया जाता है।
- 65% के अलावा बचे हुए पैसे को इक्विटी में निवेश किया जाता है। डेट फंड्स का पैसा फिक्स्ड रिटर्न देने वाले बांड में लगाया जाता है। इसलिए इनमें नुकसान की संभावना बहुत कम रहती है।
- डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है। वहीं, 3 साल पहले निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG) लगता है।
- उदाहरण के लिए, यदि किसी ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर 50 हजार रु. का फायदा कमाया है और निवेश के बाद 3 साल से पहले राशि निकालता है, तो निवेशक के आयकर स्लैब के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। 50 हजार रु. को टैक्स योग्य आय में जोड़ा जाएगा और उसके अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।
- अगर कोई निवेशक 3 साल के निवेश के बाद अपने पैसे निकालता है, तो 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाता है, जिसमें इंडेक्सेशन भी होता है। इंडेक्सेशन आपके निवेश पर महंगाई के प्रभाव को दर्शाने के लिए पूरे कमाए गए लाभ के मूल्य को कम करता है।
- छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं।
निवेश करने के लिए बेस्ट डेट फंड
फंड का नाम | पिछले 6 महीने का रिटर्न (%) | पिछले 1 साल का रिटर्न (%) | पिछले 3 साल का रिटर्न (%) | 2019 का रिटर्न (%) |
ICICI प्रूडेंशियल लॉन्ग टर्म प्लान | 5.7 | 12.3 | 9.0 | 10.2 |
आदित्य बिरला सन लाइफ कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.3 | 11.8 | 9.3 | 9.6 |
HDFC कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.0 | 11.5 | 9.2 | 10.3 |
HDFC बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 5.8 | 10.4 | 8.4 | 10.2 |
UTI बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 4.0 | 9.0 | 4.7 | -1 |
एक्सिस क्रेडिट रिस्क फंड | 5.3 | 8.2 | 5.9 | 4.4 |
आदित्य बिरला सन लाइफ सेविंग फंड | 3.8 | 7.3 | 7.7 | 8.5 |
सोर्स; फिनकैशडॉटकॉम
कहां निवेश करना रहेगा सही?
अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो आपके लिए डेट फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें पैसा एसआईपी (SIP) के माध्यम से लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है। इससे जहां निवेश पर रिस्क कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं अगर आप मार्केट के रिस्क से दूर रहना चाहते हैं तो PPF में निवेश करना सही रहेगा। इसके अलावा कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो डेट फंड बेहतर विकल्प है क्योंकि PPF में 15 साल का लॉक इन पीरियड रहता है।
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